Facts About Shodashi Revealed

Wiki Article



चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

The reverence for Goddess Tripura Sundari is apparent in how her mythology intertwines With all the spiritual and social material, supplying profound insights into the nature of existence and the path to enlightenment.

Darshans and Jagratas are pivotal in fostering a way of Neighborhood and spiritual solidarity among the devotees. For the duration of these events, the collective Vitality and devotion are palpable, as members have interaction in various sorts of worship and celebration.

The follow of Shodashi Sadhana can be a journey in the direction of equally satisfaction and moksha, reflecting the dual nature of her blessings.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥६॥

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥

हस्ते चिन्मुद्रिकाढ्या हतबहुदनुजा हस्तिकृत्तिप्रिया मे

Extra from this Writer Bhairavi Sharma is definitely an writer of three novels on Amazon. She has actually been practicing meditation in the time she was a decade previous. No matter what she shares on her particular website and right here, on Mystical Bee, emanates from studying, exploration and practical experience.

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach

संकष्टहर या संकष्टी गणेश Shodashi चतुर्थी व्रत विधि – sankashti ganesh chaturthi

Lalita Jayanti, a substantial festival in her honor, is celebrated on Magha Purnima with rituals and communal worship occasions like darshans and jagratas.

सर्वभूतमनोरम्यां सर्वभूतेषु संस्थिताम् ।

Report this wiki page